Top 10 Short Moral Stories In Hindi | नैतिक कहानियां हिंदी में।
Best Short Stories with Moral In Hindi
1. Short Stories with moral In Hindi: अच्छाई का फल अच्छा!!
रमेश और राजू दो भाई थे। दोनो साथ मे खेलते, साथ मे खाना खाते और साथ मे ही स्कूल जाया करते थे। उनके गाँव मे स्कूल न होने के कारण वह पास के शहर में पड़ने जाते। स्कूल जाते वक्त रास्ते मे एक छोटा बाग पड़ता था। वह स्कूल से आते वक्त उस बाग से बेर तोड़ते और खाते हुए मजे से घर जाते।
छोटा भाई रमेश हमेशा लोगो की मदद किया करता परंतु राजू की इसमे कुछ खास दिलचस्बी नही थी। एक रोज स्कूल से आते वक्त दोनो भाई उसी बाग से गुजरे तो कुछ बेर तोड़े और घर को चल दिए राजू आगे-आगे और रमेश उसके पीछे था। अचानक रमेश की नजर एक पेड़ की तरफ गई तो उसने देखा कि एक चिड़िया का घोसला नीचे गिर गया है और उसमें दो छोटे चूज़े भी है। रमेश ने राजू को आवाज देकर बुलाया और कहा चलो भाई इन बच्चो की मदद करते है परंतु राजू ने कुछ खास ध्यान नही दिया ओर घर की ओर चलता रहा।
रमेश जल्दी से घोसले के पास गया और बच्चो को सहलाया और फिर घोसले को ठीक किया, फिर उसने अपने बैग से टिफिन निकाला और रोटी के बारीख ढुकड़े बच्चो के मुंह मे डाले, फिर पानी के कुछ छीटो से उन्हे तर किया। इतना करने के बाद रमेश ने बच्चो को घोसले मे रखा और घोसले को संभाल कर पेड़ मे रख दिया।
यह सब करने के बाद जब रमेश अपने घर पहुंचा तो उसने पाया कि उसके बड़े भाई को एक पागल कुत्ते ने काट लिया है और उसके कुछ साथिया को भी कॉट लिया है। स्कूल से घर आते वक्त वह कुत्ता रास्ते में था पर जब रमेश वहा से गुजरा तब तक उस कुत्ते को वहा से भगा दिया गया था। रमेश के पापा ने उससे देर मे घर आने का कारण पूछा, तो उसने पूरी कहानी बताई कि कैसे उसने चूज़ो की मदद की!यह सुनकर रमेश के पापा और दादा जी मुस्कुराए और बोले उन चूज़ो की मदद करने कि वजह से तुम उस पागल कुत्ते से बच गए।
तो दोस्तो हमे इस कहानी से यह सीख मिलती है कि “अच्छाई का फल अच्छा ही होता है”।
2. Short Stories with moral In Hindi: बड़ो की बात न मानने का नुकसान।
एक बार की बात है एक जंगल में एक शेर रहता था। उसका एक बच्चा भी था । उस शेर से उसके जंगल के सभी जानवर बल्कि आसपास के जंगलों के जानवर भी डरा करते थे। परंतु अब शेर बूढ़ा हो गया था और उसका बच्चा बड़ा हो रहा था। जब शेर ने यह पाया कि उसकी मौत का वक्त करीब है, तो उसने अपने बच्चे को पास बुलाकर एक नसीहत की, उसने कहा “बेटा तुम किसी चीज से मत डरना बल्कि जंगल के सभी जानवर तुम से डरेंगे क्योंकि तुम एक शेर हो परंतु तुम कभी किसी इंसान के करीब मत जाना” बस इतना कहने के बाद शेर खामोश हो गया। यह बात शेर के बच्चे के मन में घर कर गई उसने पहले कभी किसी इंसान को नहीं देखा था।
कुछ दिन बाद उस बूढ़े शेर की मृत्यु हो गई अब वह शेर का बच्चा जवान हो रहा था। उसे अपने पिता की बात याद थी। उसकी उत्सुकता उसे सता रही थी। वह जब जंगल में शिकार की तलाश में निकला तो उसे एक चीता दिखाई दिया, जो कि बड़े-बड़े जानवरों का शिकार कर रहा था वह समझा कि यही इंसान है। उसने पूछा क्या तुम इंसान हो चीते ने जवाब दिया “नहीं, इंसान बहुत होशियार होता है मैं उसके करीब भी नहीं जाता”। यह सुनकर शेर और भी ज्यादा उत्सुक हो गया। फिर उसे एक हाथी मिला तो उसने यही सवाल पूछा क्या तुम इंसान हो हाथी ने जवाब दिया “नहीं, इंसान तो बहुत चतुर होता है, वह हमें नुकसान पहुंचा सकता है मैं उसके करीब नहीं जाता”। यह सुनकर शेर ने अपने मन में सोचा इतना बड़ा जानवर हाथी भी जिस इंसान से डरता हो, वह कैसा होगा।
कुछ देर बाद शेर को कहीं दूर से एक आवाज आई उसने देखा कि पेड़ के पास कोई लकड़ी काट रहा है। एक लकड़हारा उसे दिखाई दिया। उसने पूछा तुम कौन हो लकड़हारे ने शेर के बच्चे से कहा “मैं इंसान हूँ” शेर ने कहा “क्या तुम ही इंसान हो, तुम तो बहुत ही कमजोर हो पता नहीं क्यों सब जानवर तुम से डरते हैं। लो मैं अभी तुम्हें मारे देता हूँ । लकड़हारे ने होशियारी से काम लिया।
लकड़हारे ने कहा अगर तुम सच में ताकतवर हो तो मेरी कुल्हाड़ी इस लकड़ी में फंस गई है तुम इसे निकाल कर दिखाओ। शेर के बच्चे ने कहा “लो अभी निकाले देता हूं”। शेर ने जब कुल्हाड़ी को एक पंजे से निकाला तो कुल्हाड़ी निकल गई और लकड़ी के दोनों हिस्सों के बीच उसका पंजा फंस गया और वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा।उसका पैर भी जख्मी हो गया और फिर इसी दौरान इंसान वहां से चला गया। आखिर में उसे अपने पिता की बात याद आई कि “इंसान से दूर रहना” वह बहुत पछताया।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें हमेशा अपने बड़ों की बात को मानना चाहिए”।
Moral of this short hindi story:“We should alway obey the elders”
3. Short Stories with moral In Hindi: काली बिल्ली!!
एक बिल्ली के तीन बच्चे थे जिनमें से एक का रंग सफेद, एक का रंग भूरा और एक का रंग काला था। सफेद और भूरे बच्चे हमेशा आपस में खेलते, परंतु काले बच्चे को अपने साथ ना खेलने देते क्योंकि सब उस काले बच्चे को उसके काले रंग की वजह से मनहूस समझते थे बिल्ली के बच्चे और आसपास के लोग उस काले बच्चे के साथ बहुत बुरा व्यवहार करते थे। यहां तक कि उसे आसपास भटकने भी ना दिया करते। इस कारण से वह बहुत अकेला और कमजोर हो गया था।
एक दिन बिल्ली खाने की तलाश में बहुत दूर निकल गई और काफी वक्त गुजरने के बाद भी ना लौटी अब बच्चों का भूख से बुरा हाल था। तीनों बच्चे अब खाने की तलाश में निकले मगर काली बच्चे को अपने से दूर रखते। वह रास्ता भटक गए और जंगल के किनारे पहुंच गए और अंधेरा भी हो गया था। अचानक उन्हें एक भेड़िया दिखाई पड़ा वह भेड़िया बच्चों के ऊपर झपटा और उन्हें मार दिया, परंतु वह काले बच्चे को अंधेरे में ना देख पाया, इस कारण से वह बच गया।
सुबह की रोशनी में वह घर लौट गया। तो दोस्तों आपने देखा जिस काले रंग की वजह से लोग उसे मनहूस समझते थे उसी काले रंग की वजह से उसकी जान बच गई।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “कभी किसी के साथ उसके रंग रूप की वजह से भेदभाव नहीं करना चाहिए”।
Moral of this short hindi story:“One should never discriminate against anyone because of their appearance”
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4. Small Story With Moral In Hindi: दो दोस्तो की कहानी
एक बार की बात है रमन और रमेश दो दोस्त थे। दोनों एक ही गांव में रहा करते थे। रमेश के पिताजी पास के शहर में नौकरी किया करते थे और रमन के पिताजी गांव में खेती करते थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण रमन को 12वीं के बाद ही स्कूल छोड़ना पड़ा परंतु उसका दोस्त रमेश शहर में पढ़ाई कर रहा था। रमन शहर जाकर छोटे-मोटे काम करता और अपने पिता का सहयोग करता, उसका दोस्त रमेश ज्यादा पढ़े होने के कारण उसे बहुत हल्के में लिया करता।
एक दिन रमेश बैठकर अपनी किताबें पढ़ रहा था रमन वहां आया और उससे कुछ बातें करने लगा। इतने में रमन ने उसकी एक किताब उठाई और कुछ पढ़ने लगा यह देखकर रमेश बोला यह तुम्हारी बस की नहीं इसे तो पढ़े लिखे लोग ही समझ सकते हैं। यह वचन रमन पर बहुत सख्त बीते और उसके दिल में यह बातें घर कर गई। फिर रमन वहां से चला गया।अब रमन और रमेश का मिलना जुलना कम हो गया।
एक दिन रमन ने कुछ पैसे इकट्ठा करके और अपने पिता से कुछ पैसे लेकर शहर में एक ढाबा खोल लिया। वह ढाबे में बहुत मेहनत किया करता, देखते ही देखते उसके ढाबे में बहुत लोग आने लगे और कुछ महीनों बाद उसका ढाबा एक होटल में बदल गया। रमन की मेहनत रंग ला रही थी।
अब रमन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो चुकी थी। इस वजह से उसका पूरा परिवार शहर में ही रहने लगा रमन अलग-अलग तरीकों के बिजनेस करने लगा, कुछ सालों में रमन ने अपनी कंपनी खड़ी कर दी। और वह आसपास के गांव के लोगों को नौकरी भी देने लगा। वहीं दूसरी ओर रमेश अपनी पढ़ाई पूरी कर के नौकरी की तलाश में था और अलग-अलग जगह इंटरव्यू दे रहा था।
इत्तेफाक से एक दिन रमेश रमन की कंपनी में इंटरव्यू देने गया , उसे यह मालूम नहीं था कि यह कंपनी रमन की है। जब रमेश इंटरव्यू देने के लिए अंदर गया तो वह रमन को सामने देख कर हक्का बक्का रह गया। रमेश के पूछने पर रमन ने उसे अपनी पूरी दास्तान बताइ। रमन ने तुरंत रमेश को उस कंपनी में नौकरी में रख लिया। रमेश को याद आया कि मैंने रमन को कुछ सालों पहले ताना दिया था कि “यह पढ़ाई लिखाई तुम्हारे बस की बात नहीं”। रमेश को अपनी इन बातों पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई क्योंकि अब वह रमन की कंपनी में नौकरी करता था।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “कभी किसी को कम नही समझना चाहिए, किस्मत बदलने में देर नहीं लगती”।
Moral of this short hindi story:“One should never underestimate anyone”